हमारे बारे में
भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (भाअजप्रा) का गठन दिनांक 27 अक्तूबर, 1986 को नौवहन और नौचालन के उद्देश्य से अन्तर्देशीय जलमार्गों का विकास और विनियमन करने के लिए किया गया था। प्राधिकरण पोत परिवहन मंत्रालय से प्राप्त अनुदान के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्गों पर मुख्यत: अन्तर्देशीय जल परिवहन (अजप) अवसंरचना के विकास और अनुरक्षण हेतु परियोजनाएं प्रारंभ करता है। प्राधिकरण का प्रधान कार्यालय नौएडा में स्थित है । इसके क्षेत्रीय कार्यालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोच्चि में हैं तथा उप कार्यालय इलाहाबाद, वाराणसी, फरक्का, साहिबगंज, हल्दिया, स्वरूपगंज, हेमनगर, डिब्रूगढ़, धुब्री, सिलचर, कोल्लम, भुवनेश्वर और विजयवाड़ा में स्थित हैं ।
भारत में लगभग 14,500 किलोमीटर के नौगम्य जलमार्ग हैं जिनमें नदियां, नहरें, अप्रवाही जल , खाड़ी आदि शामिल हैं। अन्तर्देशीय जल परिवहन (अजप) द्वारा ईंधन दक्ष और पर्यानुकूल माध्यम से वर्ष में लगभग 126 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कार्गो की ढुलाई की जा रही है । वर्तमान में इनका संचालन गंगा – भागीरथी - हुगली नदियों, ब्रह्मपुत्र, बराक नदी, गोवा की नदियों, केरल के अप्रवाही जल, मुंबई के अंतर्देशीय जलक्षेत्र और गोदावरी कृष्णा नदियों के डेल्टा क्षेत्रों के कुछ हिस्सों तक सीमित है। इन यांत्रिक जलयानों के संगठित परिचालन के अलावा, विभिन्न क्षमताओं वाली देशी नौकाएं भी विभिन्न नदियों और नहरों में परिचालित होती हैं और इस असंगठित क्षेत्र में भी कार्गो और यात्रियों की पर्याप्त मात्रा में आवाजाही होती है।
प्रकार्य
राष्ट्रीय जलमार्ग
सर्वेक्षण
नौचालन, अवसंरचना और विनियमन
फेयरवे का विकास
पायलटेज
अजप का अन्य माध्यमों के साथ समन्वय
सामान्य
केंद्रीय सरकार को सलाह देना
जलीय सर्वेक्षणों को कार्यान्वित करना
राज्य सरकारों की सहायता करना
परामर्शी सेवाओं का विकास
अनुसंधान एवं विकास
जलमार्गों का वर्गीकरण
मानक और सुरक्षा